गोरक्षा जालंधर चर्पातास्चा अड़बंग कानिफ़मछिन्द्र राध्या चौरंगी रेवानक भरतरी संदन्या ,भूम्या ब भूर्व नाथ सिद्ध ई
नाकरोनादी रुपंच ठाकर स्थापय्ते सदाभुवनत्रया में वैक श्री गोरक्ष नमोस्तुते,न ब्रह्म विष्णु रुद्रो न सुरपति सुरानैव पृथ्वी न च चापो ------------१नै वाग्नी नर्पी वायु , न च गगन तलनो दिशों नैव कालं---------------२नो वेदा नैव यध्न्या न च रवि शशिनो ,नो विधि नैव कल्पा,--------------३स्व ज्योति सत्य मेक जयति तव पद,सचिदानान्दा मूर्ते----------------४ॐ शान्ति ,अलख , ॐ शिव गोरक्ष ...........................!! ॐ शिव गोरक्ष यह मंत्र है सर्व सुखो का सार ,जपो बैठो एकांत में ,तन की सुधि बिसार..........................!!
श्री गणेशाय नमः ,श्री दत्तात्रय नमः ,श्री दत्ता गोराक्षनाथाया नमःॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः ,पूर्वस्य इन्द्राय नमः ,ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः , आग्नेय अत्रे नमः ,ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः , दक्शिनासाय यमाय नमः ,ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः, नैरुताया नैरुतिनाथाया नमः ,ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः ,पश्चिमे वरुणाय नमःॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः ,वायव्य वायवे नमःॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः , उत्तरस्य कुबेराय नमःॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः ,ईशान्य इश्वाराया नमःॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः ,उर्ध्वा अर्थ श्वेद्पाया नमःॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः ,अथाभुमिदेवाताया नमःॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नमः ,मध्य प्रकाश्ज्योती देवताया नमःनमस्ते देव देवेश विश्व व्यापिं न मौएश्वाराम ,दत्त गोरक्ष कवच स्तवराज वदम प्रभो -------१--------------------------------------------------------------विश्वा धरं च सारं किल विमल तरं निष्क्रिय निर्विकारंलोकाधाक्ष्यम सुवि क्षयं सुर नर मुनिभी स्वर्ग मोक्षेक हेतुम ,स्वात्मा ,रामाप्ता कामं दुरितं विरहितं ह्याभा माध्न्या विहीनंद्वंद्व तितं विमोहम विमल शशि निभं नमामि गोरक्षनाथं ........................------------------------------------------------------------गोरक्षनाथा योगिनाथा नाथ पंथी सुधारका, ध्यानासिद्धि तपोधनी ध्यान समनि अवधूत चिन्तिका ,साधकांचा गुरु होई योगी ठेवा साधका भक्त तुझा रक्ष नाथा ,कुर्यात सदा मंगलम शिव मंगलम गुरु मंगलम ,-----------------------------------------------------------------------------------------------ॐ शिव गोरक्ष अल्लख आदेश ,ॐ शिव जती गोरक्ष , सदगुरु माया मछिन्द्र नाथाय नमः ,ॐ नवनाथाया नमः ।
अलख निरंजन ॐ शिव गोरक्ष ॐ नमो सिद्ध नवं अनगुष्ठाभ्य नमः पर ब्रह्मा धुन धू कर शिर से ब्रह्म तनन तनन नमो नमःनवनाथ में नाथ हे आदिनाथ अवतार , जाती गुरु गोरक्षनाथ जो पूर्ण ब्रह्म करतारसंकट मोचन नाथ का जो सुमारे चित विचार ,जाती गुरु गोरक्षनाथ ,मेरा करो विस्तार ,संसार सर्व दुख क्षय कराय , सत्व गुण आत्मा गुण दाय काय ,मनो वंचित फल प्रदयकयॐ नमो सिद्ध सिद्धेश श्वाराया ,ॐ सिद्ध शिव गोरक्ष नाथाय नमः ।मृग स्थली स्थली पुण्यः भालं नेपाल मंडले यत्र गोरक्ष नाथेन मेघ माला सनी कृताश्री ॐ गो गोरक्ष नाथाय विधमाहे शुन्य पुत्राय धी माहि तन्नो गोरक्ष निरंजन प्रचोदयात ,
ना कोई बारू , ना कोई बँदर, चेत मछँदर,आप तरावो आप समँदर, चेत मछँदरनिरखे तु वो तो है निँदर, चेत मछँदर चेत !धूनी धाखे है अँदर, चेत मछँदरकामरूपिणी देखे दुनिया देखे रूप अपारसुपना जग लागे अति प्यारा चेत मछँदर !सूने शिखर के आगे आगे शिखर आपनो,छोड छटकते काल कँदर , चेत मछँदर !साँस अरु उसाँस चला कर देखो आगे,अहालक आया जगँदर, चेत मछँदर !देख दीखावा, सब है, धूर की ढेरी,ढलता सूरज, ढलता चँदा, चेत मछँदर !चढो चाखडी, पवन पाँवडी,जय गिरनारी,क्या है मेरु, क्या है मँदर, चेत मछँदर !गोरख आया ! आँगन आँगन अलख जगाया, गोरख आया!जागो हे जननी के जाये, गोरख आया !भीतर आके धूम मचाया, गोरख आया !आदशबाद मृदँग बजाया, गोरख आया !जटाजूट जागी झटकाया, गोरख आया !नजर सधी अरु, बिखरी माया, गोरख आया !नाभि कँवरकी खुली पाँखुरी, धीरे, धीरे,भोर भई, भैरव सूर गाया, गोरख आया !एक घरी मेँ रुकी साँस ते अटक्य चरखो,करम धरमकी सिमटी काया, गोरख आया !गगन घटामेँ एक कडाको, बिजुरी हुलसी,घिर आयी गिरनारी छाया, गोरख आया !लगी लै, लैलीन हुए, सब खो गई खलकत,बिन माँगे मुक्ताफल पाया, गोरख आया !"बिनु गुरु पन्थ न पाईए भूलै से जो भेँट,जोगी सिध्ध होइ तब, जब गोरख से हौँ भेँट
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