मंगलवार, 5 अप्रैल 2016

लिखा लिखा सबकोई बाचे कोरा बाचे ना कोई जो कोई सांजा कोरा बाचे लिखा लिखा होजाये नाम रस ऐसा है मोरे भाई


!! ॐ चैतन्य प्रबुद्ध नारायण राजाधिराज योगीराज श्री कर्ण कानिफनाथ महराज की जय !!


गोरखनाथजी की प्रतिमा, मेंगलुरु

गोरख सबदी / Gorakh Sabadi - 279 :
(राजा योगी चंद्रनाथ संपादित श्री गोरख गुटका, 1975.)
षड षड काया निरमल नेत ।
तौ जाणिबा गुरू का हेत ।।
मिलिया सतगुरु दीनी दीछ्या ।
उत्तम करणी आगै भीछ्या ।।