अगम अगोचर नाथ , तुम पर ब्रह्म अवतार
कानोमे कुंडल सिर जटा अंग विभूति अपार ,
सिद्ध पुरूष योगेश्वर दो मुझको उपदेश ,
हर समय सेवा करू सुबह शाम आदेश
कानोमे कुंडल सिर जटा अंग विभूति अपार ,
सिद्ध पुरूष योगेश्वर दो मुझको उपदेश ,
हर समय सेवा करू सुबह शाम आदेश