शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2008

गोरक्ष दत्त मंत्र

ॐ नमः श्री गुरवे देवाय परम पुरुषाय सर्व देवता वाशिकराय सर्व रिश्ता विनाशाय सर्व मंत्र छेदनायत्रैलोकयां वशमानय ॐ गुं रूं ॐ ॐ ॐ स्वाहा इति मंत्र ई

ॐ ऐं कलां क्लीं कलूँ ह्राँ ह्रीं ह्रुं सौं दत्तात्रेय नमः

मंदर मुले मनिपिठा संस्थ सुवर्ण दानैक निबद्ध दिक्षमधायेत्परितम नवनाथ सिद्धे दारिद्र्य दावानल कालमेघम



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