सोमवार, 2 फ़रवरी 2009

वन्दना एवं आरती

वन्दना एवं आरती

"कर्पूर गोरम करुनावातारम, संसार सारं भुजगेन्द्र हरम |

सदा वसंतम ह्रदयारविन्दे, भावं भवानी सहितं नमामि ||

नारायानो त्वं निखिलेश्वारो त्वं,

माता-पिता गुरु आत्मा त्वमेवं |

ब्रह्मा त्वं विष्णुश्च रुद्रस्त्वमेवं;

सिद्धाश्रमो त्वं गुरुत्वं प्रनाम्यम ||

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विश्नुह गुरुर्देवो महेश्वरः |

गुरुः साक्षात परब्रह्म तस्मि श्री गुरुवे नमः ||"

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