शुक्रवार, 3 अक्तूबर 2008

गोरक्ष मृत्युंजयं

चन्द्रर्काद्रूहिनाचुत्याम्बुजसल्लोकेशकंसरिभिः
काली भैरव सिन्धु रास्य हनुमतक्रो डै: परिवारितम !
वंदे तं नवनाथ सिद्ध महितं माघ हिमालासन
माला पुस्तक शूल डिन्डेमधरं गोरक्ष मृत्युंजयं !!

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